विद्यापीठ



चतुर्विध संघ – साधु-साध्वी-श्रावक-श्राविका मुमुक्षों के धर्मशिक्षा हेतु व्यवस्था की जायेगी ।

प्रारम्भ से पंचप्रतिक्रमण-प्रकरण-भाष्य-कर्मग्रंथ-संस्कृत-प्राकृत पाठमाला–न्याय–व्याकरण-काव्य-कोश वगेरेह का तलस्पर्शी अध्यापन के लिए तज्ज्ञ अध्यापकों की नियुक्ति की जायेगी ।

जैनशासन की युनिवर्सिटी जैसी धर्म-शिक्षा दी जायेगी ।